।जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में एक बार फिर वामपंथी छात्र संगठनों ने जीत हासिल की है।
content-imgPriyanshi Arya of BAPSA outside the counting centre. Image Sources-The wire
इस बार भी यह चुनाव वामपंथी संगठनों ने मिलकर लड़ा था, जेएनयू की चुनाव समिति के चेयरपर्सन शैलेंद्र कुमार के मुताबिक छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर धनंजय, उपाध्यक्ष पद पर अविजीत घोष, महासचिव पद पर प्रियांशी आर्या और संयुक्त सचिव पद पर मोहम्मद साजिद को जीत मिली है।
अध्यक्ष पद पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के धनंजय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उमेश चंद्र अजमीरा को हराया है.धनंजय को 2598 और उमेश चंद्र अजमीरा को 1676 वोट मिले हैं।
वहीं उपाध्यक्ष पद पर स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के अविजीत घोष चुने गए हैं, उन्हें 2409 वोट मिले हैं, जबकि एबीवीपी की दीपिका शर्मा को 1482 वोट मिले हैं।
महासचिव पद पर बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा) की प्रियांशी आर्या ने जीत दर्ज की है। उन्हें लेफ्ट संगठनों का समर्थन हासिल था, उन्हें 2887 वोट मिले हैं, जबकि एबीवीपी के अर्जुन आनंद 1961 वोट ही हासिल कर पाए।
इसके अलावा संयुक्त सचिव पद पर इस बार ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन (एआईएसएफ़) के मोहम्मद साजिद को जीत मिली है। उन्हें 2574 वोट मिले हैं, इस पद पर एबीवीपी के गोविंद दांगी को 2066 वोट मिले हैं।
जेएनयू में पिछला छात्र संघ चुनाव
जेएनयू में पिछला छात्र संघ चुनाव साल 2019-20 में हुआ था। उसमें भी वामपंथी संगठनों ने ही जीत हासिल की थी। छात्र संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त-सचिव पदों के लिए मतदान हुआ था। जिसमें से तीन पर वामपंथी संगठनों और एक पर बापसा ने जीत दर्ज की है। अध्यक्ष चुने गए धनंजय बिहार के गया के रहने वाले हैं और वो दलित समुदाय से आते हैं। उनके संगठन आइसा के मुताबिक 27 साल बाद दलित समाज का कोई छात्र जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष बना है।जेएनयू छात्र संघ की स्थापना के बाद से ही इस पर वामपंथी विचारधारा के छात्र संगठनों का दबदबा रहा है। अब तक स्टूडेंट फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने 22 बार और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) ने 11 बार अध्यक्ष पद जीता है और एबीवीपी एक बार जीता है।