40 करोड़, लाल बत्ती वाली ऑडी, फर्जी बीमारी’: आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर क्या है आरोप?

ऑडी वाली ट्रेनी IAS कैसे बनीं कॉन्ट्रोवर्सी क्वीन? क्या आप जानते हैं कि आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर कौन हैं, जिनकी संपत्ति और नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। उनका राजनीतिक कनेक्शन भी सामने आया है। खेडकर परिवार का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले उनके पिता भी सवालों के घेरे में आ चुके हैं।

सेवा देने आई ‘लेडी IAS’ अचानक कंट्रोवर्सी क्वीन कैसे बन गई?

ये सवाल पूजा खेडकर के लिए उठ रहा है। महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का नाम इस समय काफी चर्चा में है। पूजा खेडकर को अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है। पूजा खेडकर अब वाशिम की कलेक्टर होंगी। क्या आप जानते हैं कि आखिर सारा विवाद क्या है। आपको आज इस वीडियो में के जरिए समझाते हैं कि IAS पूजा खेडकर का राजनीतिक कनेक्शन क्या है और उनके पिता कौन है?

पूजा खेडकर कौन हैं?

ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था. एग्जाम में उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 आई. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में उन्होंने खुद को विकलांग बताते हुए याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने तर्क दिया कि दिव्यांग उम्मीदवारों को SC/ST उम्मीदवारों की तुलना में ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्हें भी बराबर लाभ दिया जाना चाहिए.

फर्जी सर्टिफिकेट देकर बनीं IAS!

पूजा की नियुक्ति को लेकर भी विवाद सामने आया है. उनकी नियुक्ति से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने सिविल सेवा एग्जाम पास करने के लिए कथित रूप से फर्जी विकलांगता और OBC सर्टिफिकेट पेश किए थे. खेडकर ने OBC और दृष्टिबाधित (visually impaired) श्रेणियों के तहत सिविल सेवा का एग्जाम दिया था. उन्होंने मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट भी जमा किया था.इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक आपको बता दे कि, अप्रैल 2022 में उन्हें अपनी विकलांगता की पुष्टि के लिए AIIMS में मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा गया था. हालांकि, एक अफसर ने बताया कि खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर इन टेस्ट में शामिल होने से मना कर दिया. बाद में, उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल से मिली MRI स्कैनिंग सर्टिफिकेट पेश किए. इसी आधार पर उनकी IAS नियुक्ति को स्वीकार किया गया था।

VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड

पूजा खेडेकर पहले भी सुर्खियों में रही हैं। पूजा ने पुणे में पोस्टिंग पर VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड की थी। इस पर काफी हंगामा हुआ था और उनका तबादला वाशिम में कर दिया गया था। आपको बता दें कि पूजा के पिता भी सिविल सर्वेंट रह चुके है। इससे पहले पूजा के दिव्यांग सर्टिफिकेट को लेकर भी विवाद हुआ था। निजी ऑडी कार और VIP नंबरजानकारी के मुताबिक, आईएएस अधिकारी पूजा खेडेकर अपनी निजी ऑडी कार रखती थीं और उस पर लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करती थीं। एक अधिकारी के अनुसार, खेडेकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था। जब पूजा खेडेकर को दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए एम्स दिल्ली जाने को कहा गया तो वह कोरोना का हवाला देते हुए वहां नहीं गईं।

खेडकर परिवार का ये कोई पहला विवाद नहीं

पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई हैं। खेडकर के खिलाफ पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, खेडकर परिवार का यह पहला मामला नहीं है। उनके पिता और पूर्व सिविल सेवक दिलीप खेडकर पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

क्या है IAS पूजा खेडकर का राजनीतिक कनेक्शन?

पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर एक पूर्व चार्टर्ड अधिकारी हैं। उनका पैतृक गांव नगर जिले के पाथर्डी तालुका में भलगांव है। दिलीप खेडकर ने मैकेनिकल में ग्रेजुएशन किया है। खेडकर ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में किस्मत आजमाई। उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी से अहमदनगर लोकसभा चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव में उन्हें 13 हजार 749 वोट मिले।

40 crores, red light Audi, fake illness, what is the allegation against IAS officer Pooja Khedkar

पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में पदस्थ होने से पहले अपने लिए एक अलग ऑफिस, एक कार और एक घर की मांग की थी, कलेक्टरेट के एक अधिकारी के साथ उनकी व्हाट्सएप चैट से पता चला है. चैट में वह अधिकारी को निर्देश देती हुई दिखाई देती हैं कि 3 जून को उनके जॉइन करने से पहले उनकी मांगों का प्रबंध कर दिया जाए.

चैट से इन बातों का हुआ खुलासा

पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में पदस्थ होने से पहले अपने लिए एक अलग ऑफिस, एक कार और एक घर की मांग की थी, कलेक्टरेट के एक अधिकारी के साथ उनकी व्हाट्सएप चैट से पता चला है कि उन्होंने अधिकारी से कहा कि प्लीज, 3 जून को मेरे जॉइन करने से पहले केबिन या गाड़ी का काम पूरा कर लें. बाद में समय नहीं मिलेगा. अगर यह संभव नहीं है तो मुझे बताएं, मैं कलेक्टर सर से इस बारे में बात करूंगी. जिला कलेक्टर ने इन असामान्य मांगों को मुख्य सचिव के समक्ष उठाया था, अपनी रिपोर्ट में उन्होंने सुझाव दिया कि पुणे में पूजा खेडकर की ट्रेनिंग जारी रखना अनुचित होगा और कहा कि इससे प्रशासनिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.इतना ही नहीं, पूजा खेडकर के OBC गैर-क्रीमी लेयर कैंडिडेट के दावों में भी विसंगतियां पाई गईं. उनके पिता दिलीप खेडकर के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर लड़ा था, उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई थी. इससे उनकी ओबीसी योग्यता पर भी सवाल उठे थे.

40 करोड़, लाल बत्ती वाली ऑडी, फर्जी बीमारी’

आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर क्या है आरोप?ऑडी वाली ट्रेनी IAS कैसे बनीं कॉन्ट्रोवर्सी क्वीन? क्या आप जानते हैं कि आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर कौन हैं, जिनकी संपत्ति और नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। उनका राजनीतिक कनेक्शन भी सामने आया है। खेडकर परिवार का ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले उनके पिता भी सवालों के घेरे में आ चुके हैं।

सैवा देने आई ‘लेडी IAS’ अचानक कंट्रोवर्सी क्वीन कैसे बन गई?

ये सवाल पूजा खेडकर के लिए उठ रहा है। महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का नाम इस समय काफी चर्चा में है। पूजा खेडकर को अपने पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोपों के बाद पुणे से महाराष्ट्र के वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है। पूजा खेडकर अब वाशिम की कलेक्टर होंगी। क्या आप जानते हैं कि आखिर सारा विवाद क्या है। आपको आज इस वीडियो में के जरिए समझाते हैं कि IAS पूजा खेडकर का राजनीतिक कनेक्शन क्या है और उनके पिता कौन है?पूजा खेडकर कौन हैं?ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था. एग्जाम में उनकी ऑल इंडिया रैंक 821 आई. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में उन्होंने खुद को विकलांग बताते हुए याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने तर्क दिया कि दिव्यांग उम्मीदवारों को SC/ST उम्मीदवारों की तुलना में ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्हें भी बराबर लाभ दिया जाना चाहिए.

फर्जी सर्टिफिकेट देकर बनीं IAS!

पूजा की नियुक्ति को लेकर भी विवाद सामने आया है. उनकी नियुक्ति से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने सिविल सेवा एग्जाम पास करने के लिए कथित रूप से फर्जी विकलांगता और OBC सर्टिफिकेट पेश किए थे. खेडकर ने OBC और दृष्टिबाधित (visually impaired) श्रेणियों के तहत सिविल सेवा का एग्जाम दिया था. उन्होंने मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट भी जमा किया था.इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक आपको बता दे कि, अप्रैल 2022 में उन्हें अपनी विकलांगता की पुष्टि के लिए AIIMS में मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा गया था. हालांकि, एक अफसर ने बताया कि खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर इन टेस्ट में शामिल होने से मना कर दिया. बाद में, उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल से मिली MRI स्कैनिंग सर्टिफिकेट पेश किए. इसी आधार पर उनकी IAS नियुक्ति को स्वीकार किया गया था।

VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड

पूजा खेडेकर पहले भी सुर्खियों में रही हैं। पूजा ने पुणे में पोस्टिंग पर VIP नंबर, चैंबर और घर की डिमांड की थी। इस पर काफी हंगामा हुआ था और उनका तबादला वाशिम में कर दिया गया था। आपको बता दें कि पूजा के पिता भी सिविल सर्वेंट रह चुके है। इससे पहले पूजा के दिव्यांग सर्टिफिकेट को लेकर भी विवाद हुआ था। निजी ऑडी कार और VIP नंबरजानकारी के मुताबिक, आईएएस अधिकारी पूजा खेडेकर अपनी निजी ऑडी कार रखती थीं और उस पर लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का इस्तेमाल करती थीं। एक अधिकारी के अनुसार, खेडेकर ने ओबीसी और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा दी थी और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था। जब पूजा खेडेकर को दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए एम्स दिल्ली जाने को कहा गया तो वह कोरोना का हवाला देते हुए वहां नहीं गईं।खेडकर परिवार का ये कोई पहला विवाद नहींपूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई हैं। खेडकर के खिलाफ पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, खेडकर परिवार का यह पहला मामला नहीं है। उनके पिता और पूर्व सिविल सेवक दिलीप खेडकर पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

क्या है IAS पूजा खेडकर का राजनीतिक कनेक्शन?

पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर एक पूर्व चार्टर्ड अधिकारी हैं। उनका पैतृक गांव नगर जिले के पाथर्डी तालुका में भलगांव है। दिलीप खेडकर ने मैकेनिकल में ग्रेजुएशन किया है। खेडकर ने रिटायरमेंट के बाद राजनीति में किस्मत आजमाई। उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी से अहमदनगर लोकसभा चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव में उन्हें 13 हजार 749 वोट मिले

पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में पदस्थ होने से पहले अपने लिए एक अलग ऑफिस, एक कार और एक घर की मांग की थी, कलेक्टरेट के एक अधिकारी के साथ उनकी व्हाट्सएप चैट से पता चला है. चैट में वह अधिकारी को निर्देश देती हुई दिखाई देती हैं कि 3 जून को उनके जॉइन करने से पहले उनकी मांगों का प्रबंध कर दिया जाए।

चैट से इन बातों का हुआ खुलासा

पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में पदस्थ होने से पहले अपने लिए एक अलग ऑफिस, एक कार और एक घर की मांग की थी, कलेक्टरेट के एक अधिकारी के साथ उनकी व्हाट्सएप चैट से पता चला है. चैट में वह अधिकारी को निर्देश देती हुई दिखाई देती हैं कि 3 जून को उनके जॉइन करने से पहले उनकी मांगों का प्रबंध कर दिया जाए.चैट से पता चला है कि उन्होंने अधिकारी से कहा कि प्लीज, 3 जून को मेरे जॉइन करने से पहले केबिन या गाड़ी का काम पूरा कर लें. बाद में समय नहीं मिलेगा. अगर यह संभव नहीं है तो मुझे बताएं, मैं कलेक्टर सर से इस बारे में बात करूंगी. जिला कलेक्टर ने इन असामान्य मांगों को मुख्य सचिव के समक्ष उठाया था, अपनी रिपोर्ट में उन्होंने सुझाव दिया कि पुणे में पूजा खेडकर की ट्रेनिंग जारी रखना अनुचित होगा और कहा कि इससे प्रशासनिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं

इतना ही नहीं, पूजा खेडकर के OBC गैर-क्रीमी लेयर कैंडिडेट के दावों में भी विसंगतियां पाई गईं. उनके पिता दिलीप खेडकर के चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव वंचित बहुजन आघाड़ी के टिकट पर लड़ा था, उनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई थी. इससे उनकी ओबीसी योग्यता पर भी सवाल उठे थे.

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